📌 डेली स्टैटिक क्विज़ – आधुनिक भारत का इतिहास
📝 विषय: आधुनिक भारत का इतिहास
📌 टॉपिक: बंगाल विभाजन, बंग-भंग आंदोलन, नरम दल, गरम दल, कांग्रेस की स्थापना
🔢 कुल प्रश्न: 10 | अंक: 10 | ⏳ समय: 20 मिनट
🔹 भाग – 1: प्रश्न पत्र
1️⃣ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना से संबंधित निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना 1885 में ए. ओ. ह्यूम ने की थी।
- इसका पहला अधिवेशन मद्रास में हुआ था।
- प्रथम अध्यक्ष दादा भाई नौरोजी थे।
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
(A) केवल 1 और 2
(B) केवल 2 और 3
(C) केवल 1
(D) केवल 1 और 3
2️⃣ बंगाल विभाजन 1905 के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
- बंगाल विभाजन का प्रस्ताव पहली बार लॉर्ड डलहौजी ने रखा था।
- इसे आधिकारिक रूप से 16 अक्टूबर 1905 को लागू किया गया था।
- विभाजन के बाद बंगाल को दो भागों में बांटा गया – पूर्वी बंगाल और पश्चिमी बंगाल।
- बंगाल विभाजन का मुख्य उद्देश्य प्रशासनिक सुविधा थी।
सही विकल्प चुनें:
(A) केवल 1 और 2
(B) केवल 2 और 3
(C) केवल 2, 3 और 4
(D) उपरोक्त सभी
3️⃣ बंगाल विभाजन के विरोध में शुरू हुए स्वदेशी आंदोलन के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
- इसका मुख्य उद्देश्य ब्रिटिश वस्तुओं का बहिष्कार करना था।
- यह आंदोलन केवल बंगाल तक सीमित रहा।
- इसमें प्रमुख रूप से गरम दल के नेताओं ने भाग लिया।
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
(A) केवल 1 और 2
(B) केवल 1 और 3
(C) केवल 3
(D) उपरोक्त सभी
4️⃣ कांग्रेस के नरम दल और गरम दल से संबंधित निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
- नरम दल संवैधानिक सुधारों में विश्वास रखता था।
- गरम दल ने पूर्ण स्वतंत्रता की मांग की थी।
- 1907 के सूरत अधिवेशन में दोनों गुटों में मतभेद हुआ था।
सही उत्तर चुनें:
(A) केवल 1 और 2
(B) केवल 2 और 3
(C) केवल 1 और 3
(D) उपरोक्त सभी
5️⃣ गरम दल के प्रमुख नेताओं में कौन शामिल नहीं था?
(A) बाल गंगाधर तिलक
(B) लाला लाजपत राय
(C) बिपिन चंद्र पाल
(D) गोपाल कृष्ण गोखले
6️⃣ बंगाल विभाजन को कब रद्द किया गया?
(A) 1907
(B) 1911
(C) 1915
(D) 1919
7️⃣ ‘वंदे मातरम्’ गीत पहली बार कब गाया गया था?
(A) 1896 के भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस अधिवेशन में
(B) 1905 के बनारस अधिवेशन में
(C) 1911 के दिल्ली दरबार में
(D) 1920 के नागपुर अधिवेशन में
8️⃣ 1907 के सूरत अधिवेशन में नरम दल और गरम दल के बीच विभाजन का मुख्य कारण क्या था?
(A) स्वराज की परिभाषा को लेकर मतभेद
(B) ब्रिटिश सरकार के साथ सहयोग की नीति
(C) कांग्रेस के अध्यक्ष पद को लेकर विवाद
(D) विदेशी वस्त्रों के बहिष्कार की रणनीति
9️⃣ बंग-भंग आंदोलन के दौरान भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष कौन थे?
(A) दादाभाई नौरोजी
(B) गोपाल कृष्ण गोखले
(C) बाल गंगाधर तिलक
(D) सुरेंद्रनाथ बनर्जी
🔟 बंगाल विभाजन के विरोध में भारतीयों ने कौन-सा आंदोलन शुरू किया?
(A) खिलाफत आंदोलन
(B) सविनय अवज्ञा आंदोलन
(C) स्वदेशी आंदोलन
(D) भारत छोड़ो आंदोलन
🔹 भाग – 2: उत्तर कुंजी
1️⃣ (C) केवल 1
2️⃣ (C) केवल 2, 3 और 4
3️⃣ (B) केवल 1 और 3
4️⃣ (D) उपरोक्त सभी
5️⃣ (D) गोपाल कृष्ण गोखले
6️⃣ (B) 1911
7️⃣ (A) 1896 के भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस अधिवेशन में
8️⃣ (C) कांग्रेस के अध्यक्ष पद को लेकर विवाद
9️⃣ (B) गोपाल कृष्ण गोखले
🔟 (C) स्वदेशी आंदोलन
🔹 भाग – 3: विस्तृत व्याख्या
1️⃣ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना (1885)
- कांग्रेस की स्थापना 28 दिसंबर 1885 को हुई थी।
- पहला अधिवेशन बंबई (मुंबई) में हुआ था, न कि मद्रास में।
- प्रथम अध्यक्ष वोमेश चंद्र बनर्जी थे, न कि दादा भाई नौरोजी।
📌 गलत धारणा: कांग्रेस को ब्रिटिश सरकार का समर्थन प्राप्त था, लेकिन असल में इसका उद्देश्य भारतीयों के राजनीतिक अधिकारों की मांग करना था।
2️⃣ बंगाल विभाजन (1905)
- इसे लॉर्ड कर्जन ने लागू किया था।
- बंगाल को दो भागों में बांटा गया – पूर्वी बंगाल और पश्चिमी बंगाल।
- उद्देश्य प्रशासनिक बताया गया, लेकिन असली कारण हिंदू-मुस्लिम एकता को कमजोर करना था।
📊 बंगाल विभाजन के प्रभाव:
| प्रभाव | विवरण |
|---|---|
| आंदोलन | पूरे देश में विरोध प्रदर्शन हुए। |
| स्वदेशी आंदोलन | ब्रिटिश वस्तुओं का बहिष्कार किया गया। |
| भारतीय एकता | पहली बार राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय एकजुट हुए। |
3️⃣ स्वदेशी आंदोलन
🚀 मुख्य उद्देश्य:
- ब्रिटिश वस्त्रों का बहिष्कार।
- स्वदेशी उद्योगों को बढ़ावा देना।
- आत्मनिर्भर भारत की नींव रखना।
📝 प्रमुख नेता:
- बिपिन चंद्र पाल (बंगाल)
- लाला लाजपत राय (पंजाब)
- बाल गंगाधर तिलक (महाराष्ट्र)
4️⃣ नरम दल बनाम गरम दल
📢 1907 – सूरत अधिवेशन में विभाजन
| 🔹 नरम दल | 🔥 गरम दल |
|---|---|
| संवैधानिक सुधारों पर जोर | क्रांतिकारी तरीकों पर जोर |
| गोपाल कृष्ण गोखले, दादाभाई नौरोजी | बाल गंगाधर तिलक, लाला लाजपत राय |
| ब्रिटिश सरकार से सहयोग की नीति | ब्रिटिश सरकार का कड़ा विरोध |
📌 प्रभाव: कांग्रेस में गहरा मतभेद हो गया, जिससे आंदोलन कमजोर पड़ा।
5️⃣ ‘वंदे मातरम्’ और बंग-भंग आंदोलन
- 1896 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस अधिवेशन में पहली बार गाया गया।
- बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय की आनंदमठ पुस्तक से लिया गया।
- यह स्वदेशी आंदोलन का मुख्य नारा बन गया।
🚀 प्रभाव:
- राष्ट्रीय एकता का प्रतीक बना।
- स्वतंत्रता संग्राम का मुख्य नारा बन गया।
🔹 विस्तृत व्याख्या (प्रश्न 6 से 10)
6️⃣ बंगाल विभाजन को कब रद्द किया गया?
✅ सही उत्तर: (B) 1911
📌 बंगाल विभाजन का रद्द किया जाना
- बंगाल विभाजन को 1911 में रद्द कर दिया गया था।
- इसे 16 अक्टूबर 1905 को लागू किया गया था और यह 6 वर्षों तक जारी रहा।
- ब्रिटिश सरकार ने इसे प्रशासनिक सुविधा का कारण बताया था, लेकिन असली उद्देश्य हिंदू-मुस्लिम एकता को तोड़ना था।
- बढ़ते विरोध और स्वदेशी आंदोलन के दबाव के कारण इसे 1911 में रद्द कर दिया गया।
📊 बंगाल विभाजन रद्द करने के पीछे कारण:
| 🔹 कारण | 📌 विवरण |
|---|---|
| जनता का विरोध | पूरे भारत में आंदोलन और ब्रिटिश वस्तुओं का बहिष्कार हुआ। |
| हिंदू-मुस्लिम एकता | सरकार का उद्देश्य सांप्रदायिक भेदभाव बढ़ाना था, लेकिन इससे भारतीय एकता मजबूत हुई। |
| ब्रिटिश प्रशासन पर दबाव | बढ़ते असंतोष से ब्रिटिश सरकार को पीछे हटना पड़ा। |
🚀 प्रभाव:
- ब्रिटिश सरकार ने दिल्ली को भारत की नई राजधानी घोषित किया।
- भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को नया जोश मिला।
7️⃣ ‘वंदे मातरम्’ गीत पहली बार कब गाया गया था?
✅ सही उत्तर: (A) 1896 के भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस अधिवेशन में
📌 ‘वंदे मातरम्’ का इतिहास
- वंदे मातरम् गीत बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा 1870 में लिखा गया था।
- यह उनकी पुस्तक “आनंदमठ” में शामिल था।
- इसे पहली बार 1896 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन में गाया गया, जब रवींद्रनाथ टैगोर ने इसे प्रस्तुत किया।
📊 महत्व:
| 🔹 पहलू | 📌 विवरण |
|---|---|
| स्वतंत्रता संग्राम का प्रतीक | यह राष्ट्रवाद और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का मुख्य नारा बना। |
| बंग-भंग आंदोलन | 1905 में, यह गीत स्वदेशी आंदोलन का मुख्य हिस्सा बन गया। |
| राष्ट्रीय गीत | 1950 में, वंदे मातरम् को भारत का राष्ट्रीय गीत घोषित किया गया। |
🚀 प्रभाव:
- यह गीत ब्रिटिश शासन के खिलाफ विरोध का प्रतीक बना।
- इसे स्वदेशी आंदोलन और अन्य आंदोलनों में नारे के रूप में इस्तेमाल किया गया।
8️⃣ 1907 के सूरत अधिवेशन में नरम दल और गरम दल के बीच विभाजन का मुख्य कारण क्या था?
✅ सही उत्तर: (C) कांग्रेस के अध्यक्ष पद को लेकर विवाद
📌 1907 का सूरत अधिवेशन
- 1907 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अधिवेशन सूरत (गुजरात) में हुआ।
- इसमें नरम दल और गरम दल के बीच भारी मतभेद हुआ।
📊 मुख्य कारण:
| 🔹 कारण | 📌 विवरण |
|---|---|
| अध्यक्ष पद विवाद | नरम दल रासबिहारी घोष को अध्यक्ष बनाना चाहता था, जबकि गरम दल बाल गंगाधर तिलक को चाहता था। |
| रणनीति में अंतर | नरम दल ब्रिटिश सरकार से सुधार चाहता था, जबकि गरम दल पूर्ण स्वतंत्रता की मांग कर रहा था। |
| ब्रिटिश सरकार की नीति | अंग्रेजों ने कांग्रेस में फूट डालने की नीति अपनाई, जिससे मतभेद और गहरा हो गया। |
🚀 प्रभाव:
- कांग्रेस दो भागों में बंट गई – नरम दल (संवैधानिक सुधार समर्थक) और गरम दल (क्रांतिकारी आंदोलन समर्थक)।
- यह विभाजन 1916 में लखनऊ समझौते में समाप्त हुआ।
9️⃣ बंग-भंग आंदोलन के दौरान भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष कौन थे?
✅ सही उत्तर: (B) गोपाल कृष्ण गोखले
📌 गोपाल कृष्ण गोखले और कांग्रेस
- 1905 में बंगाल विभाजन के दौरान कांग्रेस के अध्यक्ष गोपाल कृष्ण गोखले थे।
- वे नरम दल के प्रमुख नेता थे और संवैधानिक सुधारों में विश्वास रखते थे।
- उन्होंने स्वदेशी आंदोलन का समर्थन किया लेकिन अहिंसक तरीके अपनाने की सलाह दी।
📊 गोपाल कृष्ण गोखले की भूमिका:
| 🔹 योगदान | 📌 विवरण |
|---|---|
| स्वदेशी आंदोलन | ब्रिटिश वस्तुओं के बहिष्कार को बढ़ावा दिया। |
| संवैधानिक सुधार | भारतीयों के लिए अधिक प्रशासनिक अधिकारों की मांग की। |
| गांधीजी के मार्गदर्शक | गोखले महात्मा गांधी के राजनीतिक गुरु थे। |
🚀 प्रभाव:
- कांग्रेस ने स्वदेशी आंदोलन को अपनाया और ब्रिटिश नीतियों का विरोध किया।
- नरम दल ने गरम दल के साथ मिलकर स्वतंत्रता संग्राम को आगे बढ़ाया।
🔟 बंगाल विभाजन के विरोध में भारतीयों ने कौन-सा आंदोलन शुरू किया?
✅ सही उत्तर: (C) स्वदेशी आंदोलन
📌 स्वदेशी आंदोलन (1905-1911)
- यह बंगाल विभाजन के विरोध में शुरू किया गया एक राष्ट्रीय आंदोलन था।
- इसका मुख्य उद्देश्य ब्रिटिश वस्त्रों और उत्पादों का बहिष्कार करना और स्वदेशी वस्तुओं को बढ़ावा देना था।
📊 स्वदेशी आंदोलन की प्रमुख विशेषताएँ:
| 🔹 विशेषता | 📌 विवरण |
|---|---|
| ब्रिटिश वस्तुओं का बहिष्कार | विदेशी कपड़ों को जलाया गया और भारतीय उत्पादों को बढ़ावा दिया गया। |
| राष्ट्रीय शिक्षा आंदोलन | भारतीय स्कूलों और कॉलेजों को बढ़ावा दिया गया। |
| स्वदेशी उद्योगों का विकास | टाटा जैसी भारतीय कंपनियों को समर्थन मिला। |
🚀 प्रभाव:
- भारतीय समाज में आर्थिक आत्मनिर्भरता की भावना विकसित हुई।
- ब्रिटिश सरकार को 1911 में बंगाल विभाजन रद्द करना पड़ा।
- स्वदेशी आंदोलन ने स्वतंत्रता संग्राम की नींव रखी।
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